जो जलते हैं, उन्हें जलने दो
कदम बढ़ा आगे को चल विरोधियों को कर अचल प्रगति से तेरी जलते जो गिराने तुम्हें हैं चलते जो जीवन में उनके निराशा है बढ़ने की तुझमें आशा है बस राह में वो तेरे रोड़े हैं नासिका संग भौं मरोड़े हैं सूख तेरा उन्हें पसंद नहीं स्वयं हेतु चाक चौबंद नहीं अपनें अंदर क्या वे झांकेंगे विद्वेषपूर्ण उनका जीवन है मुस्कान तेरे मुख पर जो कष्टमय उनका जीवन हो नयन में तेरी जो चमक रहे प्रभा की उनको भनक रहे तू बढ़ता जा बस आगे को राहों में कितने भी कांटे हों लहूलुहान भले हो पग तेरा आनन पर पर न निराशा हो तू स्वयं स्वयं का है द्योतक कुछ और न तेरा है परिचय यह जीत तेरी मात्र तेरी हीं जो हार गया, उठ आगे बढ़