किनारा तुम
तेरा मुझसे खफा होना
पल भर को जुदा होना
ये पल तो बीत जाता है
मगर मुझको सताता है
शिकन वो तेरे चेहरे की
जलन वो तेरे हीं मन की
जब मैं तुमको सताता हूं
तुम्हें आस पास पाता हूं
हंसी तुमसे कमी तुमसे
मैं वो बादल नमी तुमसे
जब भी मैं टूट जाता हूं
तुम्हें बस पास पाता हूं
मेरी हर खुशी हो तुम
मेरी जिंदगी बस तुम
बाकी सब छलावा है
हंसने का दिखावा है
तू मेरे दिल की धड़कन
है तू हीं तो मेरा जीवन
तुम्हारे पास रहता जब
हर गम दूर चला जाता
मेरी सांसों की खुशबू तुम
मेरी आंखों की छाया तुम
जब तेरे पास रहता हूं
मैं रहता हूं जहां से गुम
जो दिल से गौर से पूछो
कहेगा वो हर एक बातें
की कैसे दिन गुजरता है
और कैसे कटती है रातें
मैं नदिया तुम किनारा हो
जीने का तुम सहारा हो
भटकता कोई बादल मैं
हिमालय सी है पर्वत तुम
Comments
Post a Comment