प्रभु कृपा
मैं याचक हीं बना रहा बस याचना करता रहा मेरी प्रार्थना सुन हे प्रभु है तेरी कृपा बरस पड़ी मैं लेता रहा बस राम नाम तुमने बनाए मेरे सारे काम बसे हृदय में तुम भोलेनाथ सदैव दिया तुमने मेरा साथ पूजते तुम्हें हे हनुमान जी बनाते आप सारे काम जी सच्चे मन करता श्रीगणेश जीवन में न किसी से क्लेश तेरी आराधना से मां लक्ष्मी रही न मुझे कभी भी कमी तेरी पूजा से हे मां सरस्वती सदा कृपा तेरी मुझपे बरसी कृपा तेरी हीं हर बार है तो ये चल रहा संसार है जीवन का तू आधार है स्वामी बारंबार प्रणाम है बस धर्म हीं के तो मार्ग पर चलते हम तुमको याद कर सृष्टि सारी विधाता तुम्हीं से जो भी आता आता तुम्हीं से जन्मदाता तू हीं पालनकर्ता मृत्युपरांत है तू हीं धाम भी तू सबकी किरण सुबह की तुम हीं रात दोपहर शाम भी ले नाम तेरा चलते चलें बस आगे हम बढ़ते रहें करुणा तेरी मुझ पर रहे बस वो करूं जो तू कहे क्षणभर का यह निकाय है इसका न कुछ अभिप्राय है चलता ये कर्म के बल हीं पे यथा कर्म समान फल मिले यह आत्मा जब भी जाएगी संग कर्म हीं बस ले जाएगी चरित्र अनुसार फल पाएगी यहां बस यादें हीं रह जाएगी