Posts

Showing posts from February, 2021

रात

रात की चादर ओढ़ कर दिन चला विश्राम को आएगा फिर कल सुबह करने बाकी काम को तब तलक कोई टोको मत सोने दो अब रोको मत बहनें दो भावनाओं को आंसुओं के संग चलने दो डूब जाने दो ख्वाबों में अपने ही जज़्बातों में रात की अब है ये मर्ज़ी दिन बीता बेदर्दी सा

भारत के कण कण में ईश्वर

तवांग मठ अरुणांचल, मल्लिकार्जुन तिरुपति आंध्र हरमंदिर महाबोधि बिहार, शिखर जी छिन्मस्तिके झारखंड जगन्नाथ कोणार्क ओडिशा, अमरकंटक मध्य प्रदेश भोरमदेव छत्तीसगढ़, अयोध्या काशी उत्तर प्रदेश दक्षिणेश्वर कालीघाट बंगाल, चार धाम सिक्किम विशेष कामाख्या असम विराजित, उत्तराखंड देवभूमि प्रवेश स्वर्ण मंदिर पंजाब विशेषता, कार्तिकेय हरियाणा हरित प्रदेश  सोमनाथ अक्षरधाम गुजरात, तमिल नाडु मिनाक्षी बृहदेश्वर पद्मनाभमस्वामी केरल, अमरनाथ कश्मीर महेश्वर मूकाम्बिका पहचान कर्णाटक, भारत के कण कण में ईश्वर

हिंदी

देवभाषा संस्कृत जननी सर्वाधिक व्यवस्थित वर्णमाला होते नहीं गूँगे अक्षर सरल लचीली यह भाषा वैज्ञानिक लिपि ध्वन्यात्मक वर्णमाला भारत की सम्पर्क भाषा ग्रहण किया अन्य भाषाओं को हिंदी एक व्यावहारिक भाषा उपभाषाएँ एवं बोलियाँ संग विस्तृत इसका रूप विशाल शब्दकोष अपवादविहीन नियम हिंदी का स्वरुप  

दुपट्टा

गोपियों का श्याम संग अद्भुत था प्रेम रंग यमुना के पनघट में झुरमुट के चौखट पर दुपट्टा में राधिका का शर्माना इठलाना सुन कान्हा की बाँसुरी धुन दुपट्टे को लहराना मंत्रमुग्ध सारी गोपियाँ निधिवन में उत्तम पल पशु पक्षी भी आसक्त वृंदावन होता निर्मल

वक़्त

नज़रों से ओझल होता नहीं ये वक़्त हर पल रहता साथ कराता हर क्षण आभास दिलाता अटूट विश्वास बढ़ते रहने सदा जीवन में आनंद में या संताप में हालातों का सामना करते पड़ाव आएगा चलते चलते सुइयों की भाँति चलते रहें वक़्त समान बढ़ते रहें न थकें न रुकें प्रयत्न निरंतर करते हुए

भारत का इतिहास रहा

भारत का इतिहास रहा साधु संतों का वास रहा आक्रमण हुए कई परंतु अटूट सदा विश्वास रहा हर वक़्त को इसनें है देखा हर वातावरण इसनें जाना बदलते कई रिश्ते देखे अपनों को ही छलते देखे पर अडिग रहा अविरल रहा हर सुख संग हर कष्ट सहा भारत का अपना अभिमान तोड़ेगा क्या कोई शैतान