तुम आई
तुम आई, रौशन हुई जिंदगी
तुम आई, साथ लेकर खुशी
तुम आई, पल रुक सा गया
तुम आई, सब थम सा गया
काश, कुछ ज्यादा पल होते
काश, नहीं कोई बंधन रहता
काश, मिलन कुछ ऐसा होता
काश, संग केवल दोनों होते
तुमको, लेकर जाता गंगा तट
तुमको, गर्म सी चाय पिलाता
तुमको, देखता रहता एकटक
तुमको, लाता घर की चौखट
साथ में, हम सब बात बताते
साथ में, बैठ हंसते मुस्कुराते
साथ में, ले गर्म समोसे खाते
साथ में, एकदूजे में डूब जाते
पर, कुछ भी ऐसा हो न सका
पर, है अभी शायद वक्त बाकी
पर, क्या फिर हम मिल पाएंगे
पर, क्या मधुर मिलन भी होगा
तुम आई, सपने जाग उठे फिर
तुम आई, आई बचपन की यादें
तुम आई, तुम बिल्कुल वैसी हो
तुम आई, दिल में केवल तुम हो
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