मेरी क्या औकात है
मैं नहीं बदला
ये हालात बदले हैं
मैं तो वैसा हीं
बदलूं, नामुमकिन
तेरा साथ है छूटा
मेरा विश्वास है टूटा
बदल गई हो तुम
असोचनीय ये दिन
जब हांथ थामा था
तब साथ में थी तुम
ज़रूरत नहीं अब तो
तुम हो गई हो गुम
तेरा रिश्ता होता सोचकर
मेरा रिश्ता बेपरवाह
तेरा मायूस चेहरा देखकर
मैं तेरे साथ आया था
सब कुछ सहा
कुछ न कहा
तेरे साथ रहा
बातें थी बनीं बहुत
हुई बदनामी तेरे नाम से
जब नाम मेरा जुड़ गया
पर वैसे भी माहौल में
उस वक्त मैं तेरे साथ था
क्या तेरे मन में था
न तब पढ़ा न अब पढूं
ये नामुमकिन मेरे लिए
तुझको मैं समझ सकूं
पहले कोई और था
फिर और कोई आ गया
फिर मेरी क्या जरूरत तुम्हें
कोई और जब रास्ता मिला
जब भी दिल तेरा था टूटा
जब भी तुम अकेली थी
जब भी मेरा साथ मांगा
तेरे संग हीं मेरी हथेली थी
कभी छाया तेरा मैं रहा
कोई और छाया आ गया
फिर मैं भला किस काम का
मेरा रिश्ता भला किस काम का
तुम सोचोगी खिलौना सा
मुझको इस्तेमाल किया
मैं जानता था कभी लेकिन
महसूस न खुद को होने दिया
ये जानकर दिल टूटेगा
ये साथ तुम्हारा छूटेगा
मैं साथ तेरे रहा सदैव
न आशा थी तू बदलेगी
खेलना भावनाओं से शायद
सदैव यह स्वभाव तुम्हारा है
जिस पवित्रता से दिया साथ
काश ऐसा न होता मेरे साथ
ठीक है, तेरी मर्जी थी
ठीक जो तूने किया
मैं हूं कौन भला
की मैं हूं कौन भला
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