दूर
वो मन हृदय में है बसा
यथार्थ वो वो ही सपना
वो जब भी दूर होता है
बहुत नज़दीक होता है
इश्क की ये परिभाषा है
पाऊं तुझे अभिलाषा है
यह मन तेरा है मंदिर सा
तू है तो मुझको आशा है
तू दूर कितना भी जाएगी
नहीं दूर मुझसे रह पाएगी
कर आंख बंद मुस्काओगी
मुझको पास में ही पाओगी
जीवन की ये परिभाषा है
केवल यह फितूर होता है
वो जब नज़दीक होता है
सच बहुत हीं दूर होता है
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