मुखौटा
पहन मुखौटा अपनत्व का
हृदयाघात करते कुछ लोग
मुख पर बोलें प्रेम की बातें
नीयत में पर रहती है खोट
स्वार्थ हैं साधें साथ रहकर
साथ न दें परंतु समय पर
अजब गजब है उनका मेल
हैं खेला करते केवल खेल
मुख मुखौटा मन में मैल
हैं अपनों से बढ़ाते बैर
मैला जीवन मैला आंचल
लाली नेत्र के न हैं काजल
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