जज्बा जांबाजों का

न हीं टूटा है, न टूटेगा
सबल था, अटल रहेगा
अक्षम अंग, जज़्बात नहीं
दम उनमें फौलाद सा हीं

मन, हृदय हारा नहीं है
न सोंचते, सहारा नहीं है
स्वयं में हीं सेना सम
है शेष हरदम दम

जज्बा जाबाजों का ऐसे
डटा हुआ हिमालय जैसे
सोच केवल राष्ट्रहित हीं
धन्य पुत्रों से मां भारती

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