मेरा मन

सहमी सी कुछ यादें हैं
अनकही कुछ बातें हैं
मंजर कई थे मिले परंतु
कह न सका वो बातें मैं

हर कदम मैंने तेरा साथ दिया
अपनापन दिया, विश्वास दिया
खुशियां हर पल, न आंसु दिए
कर सकता जो, किया तेरे लिए

मन में मेरे कोई भाव न था
कुछ पाने का स्वभाव न था
सुना बहुत मैंने पर साथ दिया
थी चोट लगी, पर घाव न था

चक्र वक्त का चलता रहा
हर पल मैं तेरे साथ रहा
आंखें उठीं, थी बातें बनी
मैं हिम सा पिघलता रहा

हैं बहुत सहे ताने दुनिया के
कहता हर कोई है तू शातिर
पर मेरा विश्वास पूर्ण तुझपर
कुछ भी कर दूं तेरी खातिर

मैंने तुझमें सच्चाई है देखी
मन में तेरे तन्हाई है देखी
हां देखा तुझको मैंने चहकते
पर आंखों में रुसवाई भी देखी

कैसे मैं छोड़ देता तेरा साथ
आया शायद थामने तेरा हांथ
और आज का दिन, खुश हूं मैं
सच, तू आगे बहुत है जीवन में

अब तुम्हें जब देखता हूं तो
लगता आराधना सफल हुई
अब जी लेगी जीवन अपना
मेरी यह प्रार्थना सफल हुई

मैं तो बस एक डोर हीं था
स्वयं में मैं कमजोर हीं था
पर ठान लिया था मैने भी
राहें तेरी नहीं कठिन होगी

एक पथ आया था जीवन में
सोचा, अब आगे बढ़ जाऊंगा
तेरी याद दबा कर सीने में
मैं तुझसे दूर चला जाऊंगा

पर लगता नियति में मेरे शायद
कुछ और हीं लिख कर है आया
लगता था तुझको मैं खो चुका
खो कर के फिर तुझको है पाया

एक बात कहूं, मन में हीं रखना
तेरे चेहरे की खुशी, मेरा सपना
जब तक जीवन, यह वादा मेरा
रखूंगा सदैव तेरे जीवन में सवेरा

मैं दूर कितना भी जाऊंगा
नहीं दूर तुझसे रह पाऊंगा
कर आंख बंद मुस्काओगी
मुझको पास हीं में पाओगी

ये प्रेम की हीं परिभाषा है
पाऊं तुझको अभिलाषा है
मन तेरा लगता मंदिर सा
तू है तो मुझको आशा है

जी भर कर तुझको प्यार करूं
बैठो पास, बस तेरा दीदार करूं
डूब तुझमें भूल जाऊं सबकुछ
बाहों में तुम्हारे यह संसार करूं

मेरे लिए तू है बस पवित्रता
सच है अलग हमारा रिश्ता
पाकर तुझको सुख पाता हूं
तुझसे मैं दूर नहीं रह पाता हूं

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