हिंदी भाषा का महत्व
जननी जिसकी पौराणिक देवभाषा संस्कृत
सर्वाधिक व्यवस्थित
इसकी अक्षरमाला
होते नहीं जिसमें गूँगे अक्षर
कोई
सरल लचीली
है रही हिंदी भाषा
वैज्ञानिक लिपि ध्वन्यात्मक वर्णमाला
संपूर्ण भारत की
हिंदी संपर्क भाषा
ग्रहण किया अन्य वैश्विक भाषाओं को
हिंदी राष्ट्र की एक व्यावहारिक भाषा
अनेकों उपभाषाएँ एवं बोलियाँ संग
अत्यंत विस्तृत है
रहा इसका रूप
विशाल शब्दकोष अपवादविहीन नियम
हिंदी का है
रहा अद्वितीय स्वरुप
माँ भारती का है वैभव हिंदी
राष्ट्रीयता की विभव है हिंदी
एक धागे में जो पिरोए सबको
असंभव का संभव है हिंदी
“अ”पनें संग जोड़े औरों को
सदा
“आ”गे
सदैव बढ़ती रही हिंदी
“इ”क्कठे कर इसने कई बोली
“ई”र्ष्या से परंतु सदा दूर रही
“उ”दार चरित इसकी अतुल्य “ऊ”र्जा
“ए”कीकृत परंतु न कदापि “ऐ”कपत्य
“ओ”जस्विता एवं “औ”दार्य हैं कारण
“अं”तःप्रवाह हिंदी
सदा बहती रही
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