ब्रजभूमि
मथुरा वृन्दावन बरसाना
नंदगांव गोकुल धाम
लीला रचे जहाँ प्रभु कृष्ण
ब्रजभूमि को साष्टांग प्रणाम
बसते कण कण में मुरलीधर
गाथा कहे यमुना बह कल कल
भाव भावना यूँ मन प्रफुल्ल
राधेकृष्ण में हीं चित्त हरपल
मनोरम राधा-श्याम कुंड, गोवर्धन
दाऊजी मंदिर, नंदभवन, निधिवन
कुसुम सरोवर, द्वारकाधीश, विश्राम घाट
जन्मभूमि, बांके बिहारी, कोकिलावन
ब्रजभूमि की छटा निराली
आभास जैसे निकट गोपाल
डूबे कृष्णभक्ति में नर नारी
अतुलनीय गोकुलधाम की बात
Comments
Post a Comment