नीरज
न कभी धीरज खोने का
चाह हो "नीरज" होने का
मेहनत और प्रयत्न के पथ पर
ठान मन में और बढ़ा चल
बुलंदियाँ वो तेरी है
पाने में क्या देरी है
रख विश्वास मन में अपनी
आशाओं की फेरी है
आग है तुझमें जान ले
स्वयं को आज पहचान ले
कदम बढ़ा अब आगे चल
आएगा तेरा भी पल
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