आज़ादी
प्रयत्न कई संघर्ष कई
कितनों ने दी कुर्बानी
गुमनाम कई अंजान कई
चंद लोगों की न कहानी
पन्नों से इतिहास के विलीन हुए
अपनों नें क़ीमत जानीं न
जब पढ़ा न उनके बारे में
पीढ़ी फिर जानेगी क्या
आज़ादी माला ऐसी की
कई मोती हैं धागे में
न भूलना उनको जो
चल गए बसे बस यादों में
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