गंगा घाट

माँ गंगा के पश्चिम तट पर

अनुपम शहर बनारस

अस्सी से राजघाट तक

घाटों का अनुपम रस


लगता जैसे गोद समेटे

संग बैठी गंगा माता

दृश्य अतुल्य सुंदरता मोहक

कितना मन को भाता


यूँ लगता अनंत बसा

कई वर्षों की ये तपस्या

जैसे धागा मोती का साथ

माला ऐसा बनारस के घाट


मंदिरों की कतार लगी

सीढ़ियों का अंबार

कण कण में भोले बसते

अलग हीं ये संसार

 


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