एकांत में जलती चिताएं
एकांत में जलती चिताएं
न पास कोई जाने पाए
कैसा ये अंतिम दर्शन
क्या यहीं रहेगा स्मरण
कुछ प्रतीक्षा की कतार में
परिजनों बिन जाने को विवश
ये कैसी अंतिम यात्रा
ये हो क्या रहा संसार में
समझें गंभीरता बात की
बात समझें साथ की
सुरक्षित रहें सुरक्षित रखें
गाँठ लें बस बात ये
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