हरो दुःख कृष्ण मुरारी
तुम्हारे आराधना में मन
हाथों में पूजा की थाली
रखें विश्वास हैं तुमपर
हरो दुःख कृष्ण मुरारी
विचलित चिंतित हैं हम सब
विपत्ति है घर कर बैठी
"ॐ शांति" बहुत हुआ यह शब्द
ख़त्म करो ये परेशानी
ख़ुशी से झोली फिर भर दो
दुःखों का अंत तुम कर दो
मचा हाहाकार राष्ट्र में जो
हे कृष्ण, इससे मुक्ति दो
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