2020

2020

 

।। 2020  ।।


बीते हर वर्ष समान

आप भी तो आए थे

मन हर्षोत्साहित था

भरी हुई थी भावनाएं


आप तो थे अलग

बीस बीस साथ साथ

आपके आने से था

मन में अलग विश्वास


एक महामारी नें

समस्त विश्व लिया समेट

अपयश हुआ आपका

न आपमें कोई अभाव


आपनें ये सीख दी

न कुछ भी स्थाई यहाँ

मनुष्यता तो प्रेम की

बस एक परिभाषा सी


जो कुछ भी है यहीं रहे

न साथ कुछ भी जाएगा

पढ़ते थे ये सब यहाँ

आपनें दिखा दिया


सीखा दिया इंसानियत

न किसी का कुछ भी स्वामित्व

बस डेरा सा है संसार 

रह जाता स्नेह प्यार


रह जाएंगें आप यादों में'

अच्छे बुरे जो दिन रहे

बहुत कुछ आप कह गए 

बहुत कुछ बिना कहे


 



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