क्यों घृणा सीमा लांघ गई
क्यों घृणा सीमा लांघ गई
NAVNEET
।। क्यों घृणा सीमा लांघ गई ।।
सभी का जीवन मायने रखता
हर जंतु यहाँ महत्वपूर्ण
चंद लोगों के जीवन हेतु
क्यों बहाया जाता खून
क्यों घृणा सीमा लांघ गई
विरक्ति इस भाँति हुई
बँट गई क्यों सबकी सोच
अलग थलग हैं सारे लोग
क्यों सोच ने बंधन तोड़ी है
सीमित क्यों मन की भावना
क्यों हर पीड़ित मानव हेतु
रहती न एक सी कामना
क्यों न्याय बंटा मन के अंदर
क्या कारण ऐसे विभेदहीन
दुर्भावना ने क्यों किया है घर
क्यों हो गई विचारें इतर
क्या ढूंढते इसमें प्रयोजन
क्या बना नया ये नियम
चीज़ें सीमित क्या हो गईं
इंसानियत क्या खो गईं
- नवनीत
Comments
Post a Comment