कात्यायनी

कात्यायनी

NAVNEET


।। कात्यायनी।।


महर्षि कात्यायन की घोर तपस्या

प्रसन्न, सुता बन आई माता

महिषासुर शुम्भ निशुंभ मारा

समस्त देवताओं को उद्धारा


चार भुजाएं वाहन सिंह

ब्रजमंडल अधिष्ठात्री देवी

"कात्यायनी" माता कहलाईं

अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष की देवी


अमोघ फलदायिनी हैं माता

कृपा से कार्य पूर्ण हो जाता

भव्य दिव्य स्वर्ण सी है काया

माता की है अलग ही माया


- नवनीत 

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