शैलपुत्री

शैलपुत्री

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।। शैलपुत्री।।


प्रथम दुर्गा हैमवती माँ

उमा वृषारूढ़ा वृषभ सवारी

दाहिनी हाथ त्रिशूल, शत्रुनाशक

बाएं हाथ कमल, ज्ञान शांति प्रतिकी 


पार्वती माँ, शिव अर्द्धांगिनी

स्थिरता,सुख, खुशहाली दात्री

शैलोत्पत्ति अतः शैल माँ

भक्तों पर कृपा बरसाती


सती रूप में यज्ञ कुंड में

प्राण अपने त्याग दिए

पुनर्जन्म पर्वतराज हिमालय सुता

"शैलपुत्री" बन तब जन्म लिया


मूलाचार चक्र जाग्रत माँ

पूजा प्राप्ति सुख सिद्धि 

चंद्र दोष से मुक्ति देतीं

वास काशी नगरी वाराणसी


- नवनीत 

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