रेजांग ला
रेजांग ला
NAVNEET
।। रेजांग ला ।।
चुशूल घाटी रेजांग ला
का
दर्रा थरथराया था
तेरह कुमाऊं के वीर पुत्रों
ने
लद्दाख को तब बचाया था
तड़के सुबह अठारह नवम्बर
गोलाबारी शुरू हुई
छह हज़ार थी चीनी फौज
एक सौ बीस वीर-अहीर
यह वक़्त था शपथ निभाने
का
माँ भारती को बचाने का
चार्ली कंपनी के बहादुरों
नें
मोर्चा तब संभाला था
जांबाज़ी से लड़े थे वीर
हुए थे उस रोज़ आक्रमण तीन
एक कहर सा आया था
दहशत में था उस
दिन चीन
थी सामने दीवार सी चोटी
गोले बारूद थे ख़त्म हुए
चाकू-छुरे और पत्थरों
से
तब जवान थे लड़ पड़े
नंगे हाथों तब युद्ध किया
शैतान सिंह न क्षुब्ध हुआ
राम सिंह के मल्ल-युद्ध से
दुश्मन था विलुप्त हुआ
हुए शहीद एक सौ चौदह
मार गिराए थे तेरह सौ
एक एक ने दस को मारा था
वीर-सेना-परमवीर चक्र पाया था
- नवनीत
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