मित्रता बनी रहे

मित्रता बनी रहे


NAVNEET


।। 
मित्रता बनी रहे ।।

मन के भाव मन की बातें यदा-कदा मन में हीं रहें तो अपेक्षाकृत अच्छा है


मित्रता पर प्रभाव न हो
दूसरों को घाव न हो
हर बात ऐसी हो
आपस में दुर्भाव न हो

कहें बस इतना
की दिल न दुखे
सुहृदता का चिराग
बुझाए न बुझे

चलती रहे
दुनियाँ ज्यों चलती है
आपस में प्रेम भाव रहे
सबसे बड़ी संतुष्टि है

- नवनीत

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