भगवान शिव

भगवान शिव

।। भगवान शिव ।।


कल्याण के निधान हैं, त्रिताप पाप नाश शिव

सरल हैं निश्छल हैं, साक्षात् भोलेनाथ शिव

उमंग कंपन से पूर्ण, हैं नटराज शिव

स्थिरता नि:शब्दता के, चिदंबरम हैं शिव

 

योगिक विज्ञान के, आदिगुरु आदियोगी

दार्शनिक चिंतन अंतर्दृष्टि पूर्ण, त्रयंबक हैं शिव

भय रव से पूर्ण, उनका भैरव रूप है

मनोहर रूप पंचमुख, पंचवक्त्र हैं शिव

 

हालाहल विषपान कर, शितिकंठ नीलकंठ

गज चर्म धारक, कृत्तिवासा हैं शिव

भवरोग से मुक्ति हेतु, संसारवैद्य रूप है

जटाओं में माँ गंग हैं, गंगाधर हैं शिव

 

जीवों की मिली जुली, अभिव्यक्ति पशुपति

पौरुष स्त्रैण गुण में, अर्धनारीश्वर हैं शिव

अकाल मृत्यु अपशकुन, निवारक वो मृत्युंजय

दुःख नाशक क्रूर रूप, रूद्र भी हैं शिव

 

ओंकार रूप धारते, प्रधान देव महेश्वर

तीनों लोक काल ज्ञानी, सर्वज्ञ हैं शिव

अपात्रा सुपात्र धारक, कर कमल में कपाल

सर्वगुण सम्पूर्ण हैं, परमात्मा हैं शिव

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