राष्ट्रीय एकात्मता

राष्ट्रीय एकात्मता


NAVNEET


।। 
राष्ट्रीय एकात्मता ।।


सहस्त्र वर्षों का अनुभव लेकर

बना ये अपना देश है

सभ्यता संस्कृति वर्षों पुरानी

युगों का ये संदेश है


शरण दिया हर एक को

कोई हो कैसा भी हो

वसुधैव कुटुंबकम भाव रहा है

अपनाया है हर किसी को


मिट्टी में रहा प्रेम भाव

वातावरण अनुकूल रहा

हर सोच का मानव यहाँ

मिलकर रहा एकत्र रहा


विभिन्न तरह की बोलियाँ

भाषाएं हैं अलग अलग

खान पान रहन सहन

भले हीं हो पृथक


एक ड़ोर बाँधे है सबको

जो डोर है विश्वास का

सदियों के अपनेपन का

वर्षों के साथ का


यहाँ प्रेम भाव बना रहे

सबका यहीं प्रयत्न हो

सब सुख दुःख के साथी हों

चाहे जैसा भी वक़्त हो


कठिन नही ये राह है

गर सोच हो विश्वास हो

मुझे चिंता तो आप खड़े

आपको असुविधा हो तो हम रहें


अपना अपना जो धर्म हो

अपना अपना वो कर्म हो

न मेरी सोच से आप उलझें

न आपकी से हम


एक मन हो एक रास्ता

एक पड़ाव प्रेम का

मन में रहें बस सोच यहीं

एक दूसरे के कुशलक्षेम का


साथ रहें साथ चलें

राष्ट्र का विकास करें

संगठन में शक्ति है

संगठित हो कर रहें

- नवनीत

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