इंसानों में अपनापन
इंसानों में अपनापन
NAVNEET
।। इंसानों में अपनापन ।।
साथ में सबको आना होगा
हर वादा निभाना होगा
हाथ पकड़ कर एक दूजे का
पड़ाव को मिलकर पाना होगा
बस अपनेपन का हो सम्मान
जैसे केवट एवं श्री राम
कंधे से कन्धा मिलकर
पुनः करें ये पावन काम
अपनी एक उत्त्पत्ति है
अपना एक है गांव समाज
छोड़कर हर भावना को
आओ मिलें गले सब आज
घृणा को अब दें विश्राम
करें साथ मिलकर हर काम
चाहे कोई परिस्थिति हो
आएं एक दूजे के काम
मनुष्य जीवन पावन है
प्रेम ही सबसे बड़ा धन है
इसके आगे कोई न ठहरा
प्रेम सबसे रंग सुनहरा
याद रखें इस बात को
किराये का घर ज़िन्दगी
अपनेपन से सींचें इसको
पाएंगे तब हर ख़ुशी
- नवनीत
NAVNEET
।। इंसानों में अपनापन ।।
साथ में सबको आना होगा
हर वादा निभाना होगा
हाथ पकड़ कर एक दूजे का
पड़ाव को मिलकर पाना होगा
बस अपनेपन का हो सम्मान
जैसे केवट एवं श्री राम
कंधे से कन्धा मिलकर
पुनः करें ये पावन काम
अपनी एक उत्त्पत्ति है
अपना एक है गांव समाज
छोड़कर हर भावना को
आओ मिलें गले सब आज
घृणा को अब दें विश्राम
करें साथ मिलकर हर काम
चाहे कोई परिस्थिति हो
आएं एक दूजे के काम
मनुष्य जीवन पावन है
प्रेम ही सबसे बड़ा धन है
इसके आगे कोई न ठहरा
प्रेम सबसे रंग सुनहरा
याद रखें इस बात को
किराये का घर ज़िन्दगी
अपनेपन से सींचें इसको
पाएंगे तब हर ख़ुशी
- नवनीत
Well written!
ReplyDelete