अधूरी आशाएं- Unfulfilled Dreams

अधूरी आशाएं 
-NAVNEET

।। अधूरी आशाएं  ।।

चलता जा रहा हूँ,
ज़िन्दगी की राहों में।

यादें पुरानी लिए,
अपनी निगाहों में।

कुछ प्राप्त हुआ,
कुछ पा न सका।

कुछ साथ रहे,
कुछ भुला न सका।

वो पल भी,
आँखों के इर्द गिर्द हैं।

जिस पल ने,
मुझसे कुछ छीना था।

पर उस पल ने भी सिखाया,
की आगे कैसे जीना था।

कुछ अधूरी आशाएं,
कुछ अधूरी कल्पनाएं।

हमें आने वाली राहों का,
प्रयोजन बतलायें।

हमनें उन अधूरी आशाओं को,
अपनी राहों का रास्ता बनाया।

पत्थर बनाकर क्या लाभ होता,
वो तब भी श्राप था,
वो अब भी श्राप होता।

हमनें उन अधूरी आशाओं को,
स्वयं पर हावी होने न दिया।

उन्हें कल्पना बना कर,
ज़िन्दगी और श्रेष्ठतर किया।

- नवनीत

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