धोखा

अब वो पल मुझे याद न आएं
अब उनकी याद पास न आए
न आऊंगा कभी बातों में अब
मैं धोखा न खाऊंगा कभी अब

अदाओं से अपनी मुझको रिझाया
अपनापन दिखा मुझे अपना बनाया
तोड़ मेरे दिल को उन्होंने क्या पाया
हंसती रहीं खुद और मुझको रुलाया

मैंने किया उनपर विश्वास हरपल
दिया साथ उनका हरेक मोड़ पर
दामन कभी मैंने छोड़ा न उनका
मेरी हीं किस्मत गए छोड़ मुझे वो

यहीं नियति सच यहीं तो नियत है
यहीं हैं खिलाड़ी यहीं खेल सब है
यहां मन तुम्हारा खिलौना है केवल
यहां भावनाओं की कदर हीं नहीं है

एक प्रयोग बस तेरी जिंदगानी
इतनी सी छोटी सी तेरी कहानी
न समझा इसे तू ये गलती है तेरी
ये आंसु तुम्हारे यूं हीं व्यर्थ नहीं हैं

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