विद्याविनयोपेतो हरति न चेतांसि कस्य मनुजस्य

आकर्षण का द्योतक है गुण
विनयता सा न कोई सद्गुण
हर मानव का अहम है होता
है साधन कर्म का वाकपटुता

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