सुबह

कहीं खो गई थी अँधेरे में

ढूँढ लाया फिर सवेरे नें

सूरज की लालिमा नें मुझको तराशा

मन में सबके जगी एक आशा

आई मैं ले नई सोच, विश्वास

मैं सुबह हूँ, दूँगी तुम्हारा साथ

संग मेरे, अपनी राह पर चलना

लाऊँगी जीवन में उजाला

सुबह हूँ, सबको साथ ले चलती हूँ 

कुछ कर दिखाने का, विश्वास दे चलती हूँ 


 


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