मर्ज़ी

नदी का बहना कल कल
वो आसमान में बादल
बारिश का ये मौसम
बूँदें बरसें छम छम

नभ में सूरज शर्माए
फिर इंद्रधनुष बन आए
लबालब तालाब और झीलें
पशु पक्षी संग ख़ुशी में

मर्जी बारिश का बरसना
मर्जी सूरज का चमकना
मर्जी बादल यूँ मंडराते
मर्जी जल विचरण करते

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