बारिश

दूर ऊपर आकाश में

बूँदों का इकठ्ठे होना

बादलों से हो स्वतंत्र

स्वयं से स्वछंद घूमना


धरती माँ की गोद में

लालसा आने की

इतनी ही तो सोच होती 

बस बारिश की


सफ़र वो आसमान से

पृथ्वी का

हरियाली से भर जाती

सूखी धरा


लबालब नदियाँ

तालाब और नहरें

बारिश जब धरती पर 

आ कर ठहरे

 

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