पायल

 पायल

NAVNEET


।। 
पायल ।।


कान्हा तेरे पैरों में

पायल की खन-खन

हाय रे रिझाती हैं

यशोदा नंद का मन


पहन पैंजनिया दशरथ आँगन

चारों भ्रात खेलें

तीनों मैया उर में

आमोदता बिखेरें


पायल की धुन रे

मन को लुभाती है

पाजेब बजती हैं

मैया को भाती है


इत-उत अठखेलियाँ

करते हैं बालक

पायल बताती हैं

है कहाँ मनमोहक


- नवनीत

Comments

Popular posts from this blog

अब जाता हूं .....

चक्रव्यूह

वो क्षण