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Showing posts from May, 2020

मज़दूर

मज़दूर  NAVNEET ।। मज़दूर  ।। गांव की वो गलियां, वो छोटी सी दुनियाँ, वो पेड़ों की छाँव, जहाँ पर हम खेले। वो छूटे सभी, रोज़ी रोटी के कारण, एक मजदुर का रूप, किया हमने धारण। चले फिर शहर को, लिए मन में सपने, थी बस एक आशा, छूटे सारे अपने। नए सपने सजाने, नई दुनियाँ बसाने, लिए कामना यह, चले हम निभाने। न था काम, न रोटी, न कोई ठिकाना, बड़ी मिन्नतें की, किए कई जतन फिर। जीने को जीवन, मिला एक बहाना, मिली रोज़ी रोटी, मिला फिर ठिकाना। सुबह की वो पहली, किरण से भी पहले, हम उठते हैं सो कर, थकावट भी रहती। वो पिछले दिनों की, थकावट जो अपनी, वो अगले दिनों तक, भी रहती है संग में। हमारी ही मेहनत, का है यह फल की, सभी को है मिलती, वो सारी सुविधाएँ। महल वो जो प्यारे, वो खाने की चीज़ें, वो जग के सभी सुख, में युक्त दुःख हमारा। हमारे पसीने, लहू है हमारा, नहीं चाहिए पर, हमें कुछ भी ज़्यादा। बस थोड़े से आदर से, हमको भी देखें, हमें मूल सुख दें, हमें दें प्रतिष्ठा। हमारे भी बारे में, आप कुछ तो सोचें, हमारे ही मेहनत से, हर सुख हर सुविधा। - नवनीत

सोच का सम्मान करें

सोच का सम्मान करें NAVNEET ।। सोच का सम्मान करें  ।। आवश्यक है की शब्दों की मर्यादा रखें आवश्यक है की मन की बात कहें परन्तु एक सीमा रखें हर पक्ष के लोग इस बात पर अमल करें हर सोच के लोग इस राह पर चलें मिलता क्या है किसी का अनादर कर के पाते क्या हैं किसी का उपहास करके हर इंसान की है अपनी एक सोच उस सोच का सम्मान करें न उसका अनादर करें बात सत्य की है बात सब की है इंसानों में आपस में प्रेम हो इसी में भलाई सबकी है घृणा फैलाना नहीं सच से पर घबराना नहीं जो सत्य है वो मिलेगा खुशियों का पुष्प खिलेगा मगर देखना, देश को नुकसान न हो मगर देखना, इंसानियत बदनाम न हो दायरे में रह कर मांगेगे हम अपने हक़ को मानेंगे - नवनीत

इंसानों में अपनापन

इंसानों में अपनापन  NAVNEET ।। इंसानों में अपनापन  ।। साथ में सबको आना होगा हर वादा निभाना होगा हाथ पकड़ कर एक दूजे का पड़ाव को मिलकर पाना होगा बस अपनेपन का हो सम्मान जैसे केवट एवं श्री राम कंधे से कन्धा मिलकर पुनः करें ये पावन काम अपनी एक उत्त्पत्ति है अपना एक है गांव समाज छोड़कर हर भावना को आओ मिलें गले सब आज घृणा को अब दें विश्राम करें साथ मिलकर हर काम चाहे कोई परिस्थिति हो आएं एक दूजे के काम मनुष्य जीवन पावन है प्रेम ही सबसे बड़ा धन है इसके आगे कोई न ठहरा प्रेम सबसे  रंग सुनहरा याद रखें इस बात को किराये का घर ज़िन्दगी अपनेपन से सींचें इसको पाएंगे तब हर ख़ुशी - नवनीत